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छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया जमशेदपुर साहित्य महोत्सव समारोह कार्यक्रम में- राम रतन श्रीवास "राधे राधे-ss

छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया जमशेदपुर साहित्य महोत्सव समारोह कार्यक्रम में- राम रतन श्रीवास "राधे राधे
भारत में  स्टील सिटी के रूप में प्रसिद्ध संस्कृति, सभ्यता ,परंपरा और प्राकृतिक सुन्दरता को 
समेटे हुए जमशेदपुर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव 11 दिसंबर 2022 को (जीवन के लिए साहित्य) तुलसी भवन, जमशेदपुर में  दीप प्रज्वलित कर गणेश एवं सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  रामचंद्र सहिस  (पूर्व जल संसाधन मंत्री) झारखंड थे , हालांकि मुख्य अतिथि किसी अन्य आवश्यक कार्य के कारण कार्यक्रम स्थल पर नहीं आ सके लेकिन उन्होंने जमशेदपुर में इस तरह के ऐतिहासिक उत्सव के आयोजन के लिए टीम को आशीर्वाद दिया और बधाई दी। साथ ही अन्य प्रसिद्ध कवि और लेखक अतिथिगण मौजूद थे। इस महोत्सव के संस्थापक डॉ. सुरेश सिंह शौर्य ‘प्रियदर्शी’ ने बताया कि यह उत्सव भारत की अनूठी प्रकृति और इसकी विविधता को संरक्षित करने के लिए समर्पित है । पढ़ने की आदतों को बढ़ाने और छात्रों के बीच प्रतिभाओं का पता लगाने का भी इसका एक नेक उद्देश्य है।
      अति विशिष्ट अतिथि डॉ अशोक "अविचल"( एल.बी.एस. एम.कॉलेज जमशेदपुर के प्राचार्य, संयोजक ईस्टन क्षेत्रीय बोर्ड साहित्य अकादमी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार थे उन्होंने अपने उद्गार प्रकट करते हुए साहित्य की पराकाष्ठा को संक्षिप्त में बताया। राज़ रामगढ़ी (शायर, वरिष्ठ साहित्यकार और गीतगुरु) जिन्होंने 'ग्लोबल साहित्य मंजरी' पुस्तक का परिचय दिया, जिसका लोकार्पण आज किया गया
               स्वागत भाषण कार्यक्रम का संचालन 'साहित्य की सहेली' ममता मनीष सिन्हा द्वारा किया गया। इसका आयोजन पी. आई. यू. ट्रस्ट गिरिडीह , शांतनु सिन्हा फाउंडेशन, झारखण्ड तेलगु सेना के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। साहित्य मंजरी भाग-2 के संपादक राम रतन श्रीवास "राधे राधे"  ने अपने उद्बोधन में कहा की देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े सभी साहित्यकारों को शामिल होने का अवसर मिले जिससे काव्य मनिषियो को अपनी अभिव्यक्ति निखारने का अवसर प्राप्त हुआ। सभी रचनाकारों ने एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं की प्रस्तुति दी। कई राज्यों के प्रबुद्ध साहित्यकारों की उपस्थिति रही जिसमें झारखंड तेलुगू सेना के राज्य समन्वयक गोपाल कृष्ण, श्रीमती एस.ए. मणि (अरविंदा) प्रसिद्ध तेलुगू लेखक, उपन्यासकार और कवयित्री और आंध्र प्रदेश सरकार साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध तेलुगु उपन्यासकार , शिव राव (आध्यात्मिक साधक और ISKCON से भगवद गीता में डिग्री, टाटा स्टील में पूर्व प्रमुख (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट ग्रुप एंड प्रोसेस ऑटो-मेशन, स्टीलमेकिंग ग्रुप), गोपाल कृष्ण ( झारखण्ड तेलगु सेना के समन्वयक ) , प्रीति सैनी  (सलाहकार मनोचिकित्सक, परामर्शदाता, प्रेरक वक्ता,  लेखक और एक सामाजिक कार्यकर्ता,) लखन विक्रांत  (वरिष्ठ कवि) , शोभा किरण "इनायत", रुद्र अमित, ई. धर्मा राव, ऋषभ देव इत्यादि रहे।
          सभी सहभागिता करने  साहित्यकारों को  जे एल एफ मंच द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया. "रंग जज्बातों के" का लोकार्पण और प्रीती सैनी द्वारा रचित "शंखनाद" का पुस्तक वाचन किया गया है। राज रामगढ़ी जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम खुशनुमा माहौल में समापन की घोषणा की गई।

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