सेवा पूर्व नियोजित शिक्षक संघ की मांग
वेतन विसंगति दूर की जाये-: छठू सिंह
औरंगाबाद 29 अप्रैल। सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षक संघ औरंगाबाद के जिला अध्यक्ष छठु सिंह ,
संयोजक इंदल कुमार सिंह,कार्यकारिणी सदस्य राजेश कुमार, मनोज कुमार,संजय कुमार सिन्हा एवं अन्य ने सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों के वेतन विसंगति के निराकरण में शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के क्रियाकलाप
पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके द्वारा इस मामले में अधिसूचना संख्या 1816 की कंडिका 07 एवं उप कंडिका 3 की अनदेखी करना सैकड़ों सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित
शिक्षकों के साथ भेद भाव पूर्ण एवं अन्याय करने वाली नीति है। उन्होंने कहा कि स्थापना डीपीओ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी औरंगाबाद द्वारा 5सदस्यों की वेतन विसंगति निराकरण हेतु गठित समिति का बैठक समय अवधि बीतने के बाद भी आज तक नहीं बुलाया।यह, उनकी उदासीनता एवं लचर कार्यप्रणाली को दर्शाता है जबकि अधिसूचना संख्या 1816 के आलोक में 15% वृद्धि कर शिक्षकों का वेतन फिक्सेशन करने का शिक्षा विभाग का स्पष्ट निर्देश है परंतु स्थापना डीपीओ द्वारा अधिसूचना की कंडिका 07 उप कंडिका 3 की अवहेलना किया जाना उनके पक्षपात पूर्ण रवैया एवं अपने चारों ओर निजी लाभ के लिए जुड़े चाटुकार मार्गदर्शक मंडल के लोगों द्वारा दिग्भ्रमित किए जाने का परिचायक है।इनके द्वारा प्रतिदिन वेतन फिक्सेशन से संबंधित पत्र निर्गत किया जा रहा है। परंतु,सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों के वेतन विसंगति निराकरण की दिशा में कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाना अत्यंत ही निंदनीय है तथा शिक्षकों को आंदोलन की ओर धकेलने वाला क्रिया कलाप है।हम इसका घोर विरोध करते हैं ।यदि जल्द ही वेतन विसंगति निराकरण नहीं किया गया तो जोरदार आंदोलन प्रारंभ करने को बाध्य होंगे जिससे शिक्षण व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।जिसकी, सारी जवाबदेही डीपीओ स्थापना की होगी।विदित हो कि विगत चार महीनों से सेवा पूर्व प्रशिक्षित शिक्षक पत्राचार एवम् वार्ता के माध्यम से जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में वेतन विसंगति निराकरण हेतु प्रयासरत हैं।जिला शिक्षा पदाधिकारी ने एक सकारात्मक पहल कर वेतन विसंगति निराकरण हेतु जिला स्तरीय समिति का गठन कर एक सप्ताह में विसंगति सुधार करते हुए प्रतिवेदन देने का पत्र निर्गत किया था।लगभग बीस दिनों से ज्यादा समय बीतने को है परंतु डीपीओ स्थापना द्वारा समिति की न तो कोई बैठक किया गया और न ही सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों का पक्ष जानने का प्रयास किया गया।जबकि उनसे संपर्क कायम करने पर समय का अभाव का रोना रोते हुए हमें टाल मटोल किया जाता है जो इनके लाचार, निष्क्रिय एवम् दिग्भ्रमित कार्य प्रणाली को दर्शाता है।इनके क्रिया कलाप से आज तक शिक्षकों का 15%वेतन वृद्धि के साथ वेतन भुगतान नहीं हो पाया है जबकि राज्य के लगभग सभी जिलों में विसंगति सुधार कर फिक्सेशन एवम् भुगतान या तो कर दिया गया है या प्रगति पर है।परंतु औरंगाबाद जिले में आज तक फिक्सेशन एवं भुगतान की प्रगति स्थिति शून्य है।यह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है ईद जैसे पवित्र पर्व पर भी औरंगाबाद के शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा है जो अत्यंत ही निंदनीय है जबकि राज्य सरकार द्वारा वेतन मद में राशि जारी करते हुए ईद महापर्व से पूर्व वेतन भुगतान का स्पष्ट निर्देश दिया गया है।सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों को अभी भी वेतन विसंगति निराकरण की उम्मीद है,यदि विसंगति निराकरण नहीं किया गया तो सेवा पूर्व प्रशिक्षित नियोजित शिक्षक संघ आंदोलन को बाध्य होगा जिसकी सारी जवाबदेही शिक्षा विभाग की होगी।
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अरविन्द अकेला